Latest Current Affairs in Hindi, November 09, 2021

Latest Current Affairs in Hindi, November 09, 2021

Latest Current Affairs in Hindi, November 09, 2021

In this segment we will provide a comprehensive  latest Current Affairs in Hindi. Our current affairs is one of the best  Best Daily Current Affairs made for the upcoming exam of 2020-2021 for  line UPSC, IAS/PCS, Banking, IBPS, SSC, Railway, UPPSC, RPSC, BPSC, MPPSC, TNPSC, MPSC, KPSC and other competition exams. 

Latest Current Affairs in Hindi, November 09, 2021


आज के हमारे इस दैनिक Latest Current Affairs in Hindi, November 09, 2021 कार्यक्रम में निम्नलिखित करंट इवेंट्स पर चर्चा होगी , जोकि आपकी परीक्षा के लिय अति उपयोगी होगी । आज के विषयवस्तु में शामिल मुद्दे इस प्रकार हैं –

1️⃣ वैश्विक मीथेन संकल्प

2️⃣ चीन के तीन नए रिमोट सेंसिंग उपग्रह

3️⃣ मसौदा मध्यस्थता विधेयक (Draft Mediation Bill) क्या है?

4️⃣ भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी

5️⃣ हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोज़गार अधिनियम, 2020

 


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1️⃣ वैश्विक मीथेन संकल्प 

सामान्य अध्ययन–III (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) :  भारत के हितों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
सामान्य अध्ययन–III (पर्यावरण) : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।


संदर्भ

हाल ही में मेजर इकोनॉमीज फोरम ऑन एनर्जी एंड क्लाइमेट (एमईएफ) में अमेरिकी राष्ट्रपति ने वैश्विक मीथेन संकल्प की घोषणा यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयेन और  100 से अधिक देशों के गठबंधन के साथ की। इसकी मेजबानी आभासी रूप से अमेरिकी व्हाइट हाउस द्वारा की गई थी एवं इसमें भारत के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस सहित अनेक देशों ने भाग लिया था।

वैश्विक मीथेन संकल्प के प्रमुख बिंदु

👉 वैश्विक मीथेन संकल्प’ के तहत 2020 से 2030 के बीच मीथेन उत्सर्जन में 30 प्रतिशत की कमी करने का लक्ष्य रखा गया । ‘जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल’ के नवीनतम आकलन के अनुसार, मीथेन एक ऐसी ग्रीनहाउस गैस है, जो लगभग 5 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ा सकती हैं

👉 नवंबर 2021 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में कॉप 26 जलवायु सम्मेलन में वैश्विक मीथेन संकल्प को औपचारिक रूप प्रदान किए जाने की संभावना है।

वैश्विक मीथेन संकल्प के फायदे  

👉 वैश्विक तापन में कमी: वैश्विक मीथेन संकल्प से 2040 तक वैश्विक तापन में 2 डिग्री सेल्सियस की कमी आने की संभावना है, जबकि तब तक तापमान में वृद्धि होने की संभावना है।

👉 वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना: वैश्विक मीथेन संकल्प अन्य देशों को समान संकल्प लेने एवं अधिक सहयोगात्मक तथा पूरक रूप से विभिन्न वैश्विक तापन से संबंधित मुद्दों पर सहयोग करने हेतु प्रेरित करेगी।

👉 अन्य लाभ: वैश्विक मीथेन संकल्प भी सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं कृषि उत्पादन में सुधार जैसे एक बहुत ही मूल्यवान पार्श्व लाभ उत्पन्न करेगी।

मीथेन

मीथेन एक हाइड्रोकार्बन है एवं इसमें एक कार्बन परमाणु तथा चार हाइड्रोजन परमाणु (CH4) होते हैं। मीथेन दूसरी सर्वाधिक प्रचुर मात्रा में मानव जनित हरितगृह गैस (जीएचजी) है।

मीथेन गैस के प्रमुख स्त्रोत

👉 प्राकृतिक स्रोत: उत्सर्जित होने वाली मीथेन का लगभग 40% प्राकृतिक स्रोतों से उत्पन्न होता है एवं

👉 मानव जनित स्रोत: मीथेन का लगभग 60% मानव-प्रेरित स्रोतों से उत्पन्न होता है, जिसमें पशुधन कृषि, चावल की खेती, बायोमास जलाना इत्यादि सम्मिलित हैं।

👉 मीथेन की वैश्विक तापन क्षमता: मीथेन एक हरितगृह गैस है एवं इसकी वैश्विक तापन क्षमता के संबंध में कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 80-85 गुना अधिक शक्तिशाली है।

 

 

💯 प्रीलिम्स के लिए आवश्यक तथ्य 💯

❓  वैश्विक मीथेन संकल्प कहा और किसके बीच हुई ? 
❓  वैश्विक मीथेन संकल्प का क्या लक्ष्य रखा गया है ? 
❓  वैश्विक मीथेन संकल्प को लागू किसके द्वारा किया गया ? 

💯मुख्य परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य एवं संभावित प्रश्न 💯

❓ वैश्विक तापन में कमी के लिए वैश्विक मीथेन संकल्प कहाँ तक सहायक हो सकता है ? समालोचनात्मक विश्लेषण करें 

 

 


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2️⃣ चीन के तीन नए रिमोट सेंसिंग उपग्रह

सामान्य अध्ययन–II : अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं सामान्य अध्ययन–III : विज्ञानं एवं तकनीकी 


सन्दर्भ

चीन के दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में स्थित ज़िचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से तीन नए रिमोट सेंसिंग (दुरसंवेदी) उपग्रहों को सफलतापूर्वक 6 नवंबर, 2021 को लॉन्च किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य

👉 ये उपग्रह याओगन-35 परिवार के हैं।

👉 उन्हें लॉन्ग मार्च-2डी कैरियर रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया और सफलतापूर्वक नियोजित कक्षा में स्थापित किया गया।

👉 यह ‘लॉन्ग मार्च श्रेणी के कैरियर रॉकेट (Long March series carrier rockets) का 396वां अभियान था

👉 इससे पहले मार्च 2019में चीन के ‘लॉन्ग मार्च-3बी रॉकेट’ (Long March-3B rocket) ने नए दूरसंचार सैटेलाइट को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कराकर अपना 300वां प्रक्षेपण पूरा किया था.

क्या हैं लॉन्ग मार्च 

👉 ‘लॉन्ग मार्च’ श्रेणी के कैरियर रॉकेट का निर्माण ‘चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन’ (China Aerospace Science and Technology Corporation) ने किया है और इसके जरिए देश के करीब 96.4 प्रतिशत लॉन्च किए गए हैं.

👉 लॉन्ग मार्च रॉकेट को अपने 100 लॉन्च पूरा करने में 37 साल लगे. अगले 100 लॉन्च इसने 7.5 साल में पूरा कर लिए और अपने अंतिम 100 लॉन्च तो इसने महज 4 चार साल में पूरे किए हैं.

👉 14 अक्टूबर को चीन ने उत्तरी शांक्सी प्रांत के ताइयुआन उपग्रह लॉन्च सेंटर से अपना पहला सौर अन्वेषण सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा.

👉 सैटेलाइट को ‘लॉन्ग मार्च-2डी’ रॉकेट के जरिये लॉन्च किया गया और उसने सफलतापूर्वक अपनी नियोजित कक्षा में प्रवेश किया.

चीन एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (CASC)

👉 CASC चीनी अंतरिक्ष कार्यक्रम का मुख्य ठेकेदार है जो कि एक स्वामित्व वाली कम्पनी है। इसमें कई अधीनस्थ संस्थाएं शामिल हैं जो अंतरिक्ष यान, रणनीतिक और सामरिक मिसाइल प्रणालियों, प्रक्षेपण वाहनों और जमीनी उपकरणों की एक श्रृंखला के डिजाइन, विकास और निर्माण में शामिल हैं। यह निगम आधिकारिक तौर पर जुलाई 1999 में स्थापित किया गया था।

 

💯 प्रीलिम्स के लिए आवश्यक तथ्य 💯

❓ रिमोट सेंसिंग (दुरसंवेदी) उपग्रह क्या होता हैं ?
भारत के रिमोट सेंसिंग (दुरसंवेदी) उपग्रहों की क्या स्थति हैं ? 
❓ रिमोट सेंसिंग (दुरसंवेदी) उपग्रहों के प्रक्षेपण की क्या तकनीकी हैं ? 

💯मुख्य परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य एवं संभावित प्रश्न 💯

❓  रिमोट सेंसिंग (दुरसंवेदी) उपग्रहों के प्रक्षेपण की क्या तकनीकी हैं ? इसके वैश्विक प्रभाव पर चर्चा करें ? 


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3️⃣ मसौदा मध्यस्थता विधेयक (Draft Mediation Bill) क्या है?

सामान्य अध्ययन–III : कार्यपालिका एवं न्यायपालिका की संरचना, संगठन एवं कार्यप्रणाली—सरकार के मंत्रालय एवं विभाग; दबाव समूह तथा औपचारिक/अनौपचारिक संघ एवं राजनीति में उनकी भूमिका।


सन्दर्भ

भारत सरकार ने सार्वजनिक परामर्श के लिए एक मसौदा मध्यस्थता विधेयक (Draft Mediation Bill) जारी किया है, जो विधि एवं न्याय मंत्रालय के माध्यम से सक्षम न्यायिक मंचों से संपर्क करने के लिए वादियों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से बनाया गया हैं ।यह देश का प्रथम मध्यस्थता कानून– प्रारूप मध्यस्थता विधेयक है।

प्रारूप मध्यस्थता विधेयक 2021 प्रमुख बिंदु

👉 यह विधेयक ‘समझौता’ एवं ‘मध्यस्थता’ शब्दों को एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग करने की अंतरराष्ट्रीय प्रथा पर विचार करता है।

👉 इसके अतिरिक्त, घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के मुद्दों पर मध्यस्थता में एक विधान निर्मित करना भी समीचीन हो गया है क्योंकि भारत मध्यस्थता पर सिंगापुर अभिसमय का एक हस्ताक्षरकर्ता है।

👉 विधेयक का उद्देश्य देश में विशेष रूप से संस्थागत मध्यस्थता को बढ़ावा देना, प्रोत्साहित करना एवं मध्यस्थता की सुविधा प्रदान करना है।

प्रारूप मध्यस्थता विधेयक 2021 की प्रमुख विशेषताएं

👉 प्रारूप विधेयक मुकदमेबाजी-पूर्व मध्यस्थता का प्रस्ताव का प्रावधान करता है एवं साथ ही तत्काल राहत की मांग के मामले में सक्षम न्यायिक मंचों/ न्यायालयों से संपर्क करने हेतु वादियों/पक्षकारों के हितों की रक्षा करता है।

👉 मध्यस्थता समझौता करारनामा (एमएसए) के रूप में मध्यस्थता के सफल परिणाम को विधि द्वारा प्रवर्तनीय बनाया गया है। चूंकि मध्यस्थता समझौता करारनामा पक्षकारों/पार्टियों के मध्य सहमति से बाहर है, अतः सीमित आधार पर इसे चुनौती देने की अनुमति प्रदान की गई है।

👉 मध्यस्थता प्रक्रिया, संपादित की गई मध्यस्थता की गोपनीयता की रक्षा करती है एवं कतिपय मामलों में इसके प्रकटीकरण के विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रदान करती है।

👉 90 दिनों के भीतर राज्य/जिला/तालुका कानूनी प्राधिकारियों के साथ मध्यस्थता निपटान समझौते का पंजीकरण का प्रावधान भी किया गया है ताकि इस प्रकार पहुंचे समझौते के प्रमाणित अभिलेख का अनुरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

👉 भारतीय मध्यस्थता परिषद की स्थापना का प्रावधान करता है।

👉 सामुदायिक मध्यस्थता का प्रावधान करता है।

वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र

आर्बिट्रेशन,  मेडिएशन एवं समझौता, वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) हेतु तीन विधियां हैं।

✔ आर्बिट्रेशन

👉 मध्यस्थता एक न्यायालयी प्रक्रिया की भांति है क्योंकि पक्ष एक वाद (मुकदमे) की तरह साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं जहां एक तृतीय पक्ष पूरी स्थिति को सुनता है एवं अपना निर्णय देता है, जो पक्षकारों के लिए बाध्यकारी होता है।

👉 मध्यस्थता स्वैच्छिक अथवा अनिवार्य विधियों से की जा सकती है।

👉 स्वैच्छिक मध्यस्थता: जब दोनों पक्षों के मध्य कोई विवाद उत्पन्न होता है एवं वे अपने मतभेदों को स्वयं हल करने में असमर्थ होते हैं, तो पक्ष अपने विवाद को उचित प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए सहमत होते हैं एवं निर्णय दोनों पक्षों पर बाध्यकारी होगा।

✔ अनिवार्य मध्यस्थता:

👉 यह एक ऐसी विधि है जहां पक्षकारों को अपनी ओर से बिना किसी इच्छा के मध्यस्थता स्वीकार करने की अनिवार्यता होती है।

👉 जब किसी औद्योगिक विवाद में एक पक्ष दूसरे पक्ष के कृत्य से व्यथित अनुभव करता है, तो वह विवाद को निपटाने के लिए न्यायनिर्णयन के किसी भी संगठन को विवाद को संदर्भित करने के लिए उपयुक्त सरकार से संपर्क कर सकता है।

✔ मेडिएशन

👉 मध्यस्थता वैकल्पिक विवाद समाधानों में से एक है जो विवादों के समाधान हेतु एक स्वैच्छिक एवं अनौपचारिक प्रक्रिया है।

👉 मध्यस्थता एक ऐसी प्रक्रिया है जो पक्षकारों के नियंत्रण में होती है।

👉 मेडिएटर एक मध्यस्थ व्यक्ति के रूप में कार्य करता है जो उनके विवाद के समझौते के बिंदु पर आने में सहायता करता है।

✔ समझौता/सुलह

👉 एक सुलहकर्ता एक तृतीय पक्ष है जो पक्षों के विवाद के निस्तारण में शामिल होता है।

👉 आम तौर पर, विवादों के निस्तारण हेतु एक सुलहकर्ता होता है, किंतु एक से अधिक सुलहकर्ता भी हो सकते हैं, यदि पक्षकारों ने इसके लिए अनुरोध किया हो।

👉 यदि एक से अधिक सुलहकर्ता हैं तो वे संबंधित मामले में संयुक्त रूप से कार्य करेंगे।

💯 प्रीलिम्स के लिए आवश्यक तथ्य 💯

❓ मसौदा मध्यस्थता विधेयक (Draft Mediation Bill) क्या है
मसौदा मध्यस्थता विधेयक (Draft Mediation Bill) के क्या कार्य है

💯मुख्य परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य एवं संभावित प्रश्न 💯

❓ मसौदा मध्यस्थता विधेयक (Draft Mediation Bill) वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र के रूप में किस प्रकार सहायक सिद्धं होगा ? समालोचनात्मक विश्लेषण करें 


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4️⃣ भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी

सामान्य अध्ययन–III : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।


सन्दर्भ

खुफिया जानकारी साझा करने, क्षमताओं को बढ़ाने, सैन्य अभ्यासों का विस्तार करने और समुद्री, अंतरिक्ष तथा साइबर डोमेन में नई पहल के उद्देश्य से रक्षा एवं सुरक्षा साझेदारी का विस्तार करने के उद्देश्य से हाल ही में भारत-फ्रांस के मध्य रणनीतिक वार्ता की गई –

वार्ता के प्रमुख बिंदु

🚀 आत्मनिर्भर भारतको समर्थन:

👉 फ्रांस ने भारत के “आत्मनिर्भर भारत” (Atmanirbhar Bharat) के दृष्टिकोण तथा भारत में रक्षा औद्योगीकरण, संयुक्त अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास के लिये उन्नत क्षमताओं की एक विस्तृत शृंखला हेतु अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

🚀 फ्रांस की इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटेजी:

👉 फ्रांस ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिये एक “रेसीडेंस पावर” के तौर पर अपनी निरंतर प्रतिबद्धता और इस क्षेत्र हेतु अपनी रणनीति के ‘प्रमुख स्तंभ’ के रूप में भारत के साथ साझेदारी पर ज़ोर दिया।

👉 इसके अलावा वर्ष 2022 की पहली छमाही में यूरोपीय संघ (EU) की फ्राँसीसी प्रेसीडेंसी से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में यूरोपीय संघ के जुड़ाव को आकार दिए जाने की उम्मीद है।

👉 एक रेसीडेंस पावर वह है जिसके पास दुनिया के किसी विशेष स्थान में क्षेत्र या क्षेत्रीय उपस्थिति नहीं है, लेकिन फिर भी उस क्षेत्र की अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में एक शक्ति के रूप में स्थापित है।

🚀 बैठक का महत्त्व:

👉 भारत के साथ रणनीतिक सहयोग का विस्तार करने के लिये फ्राँस की पुनरावृत्ति ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएस द्वारा एक नए सुरक्षा गठबंधन (AUKUS) के समझौते के बाद उजागर हुई है।

👉 गठबंधन की अप्रत्याशित घोषणा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के लिये पनडुब्बियों का निर्माण शामिल है, ने फ्राँस के साथ एक अलग पनडुब्बी समझौते से ऑस्ट्रेलिया के हटने के बाद फ्राँसीसी सरकार ने नाराज़गी व्यक्त की।

👉 हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएसए के बीच एक नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी ‘ऑकस’ (AUKUS) की घोषणा की गई है।

💯 प्रीलिम्स के लिए आवश्यक तथ्य 💯

❓ इंडो-पैसिफिक की भूगोलिक स्थति 
आत्मनिर्भर भारत का महत्त्व 

💯मुख्य परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य एवं संभावित प्रश्न 💯

❓ भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी के महत्वपूर्ण आयाम क्या -२ हैं ? 


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5️⃣हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोज़गार अधिनियम, 2020

सामान्य अध्ययन–III : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।


सन्दर्भ :

हरियाणा में निजी उद्योगों में 75% नौकरियां स्थानीय युवाओं को देने के कानून की अधिसूचना जारी कर दी गई है. राज्य के निजी उद्योगों में अब 50 हजार रुपये नहीं, बल्कि 30 हजार रुपये तक की नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75 फीसद आरक्षण मिलेगा. इसे राज्यपाल की ओर से पहले ही मंजूरी मिल चुकी थी. लेकिन ऐलनाबाद उपचुनाव में आचार संहिता लागू होने के इसे रोक दिया गया था परन्तु अब इसको 15 जनवरी 2022 से लागू किया जाएगा।

अधिनियम के सम्बन्ध में

👉 इसके तहत 10 या अधिक कर्मचारियों वाली फर्मों को 30,000 रुपए प्रतिमाह वाली सभी नौकरियों में से 75% राज्य के अधिवासी उम्मीदवारों के लिये आरक्षित करने की आवश्यकता है।

👉 राज्य में स्थित विभिन्न कंपनियों, सोसाइटियों, ट्रस्टों और सीमित देयता भागीदारी फर्मों में नौकरियाँ प्रदान की जाएंगी।

👉 इस कदम का उद्देश्य आईटी और आईटी-सक्षम सेवाओं (ITes) जैसे क्षेत्रों में भी देश के अन्य हिस्सों से प्रतिभाओं के अंतर्वाह को रोकना है, जिनकी राज्य में पर्याप्त आपूर्ति नहीं है।

👉 यह कानून 10 वर्ष की अवधि के लिये लागू होगा।

👉 राज्य सरकार ने निजी कंपनियों को काम पर रखने में कुछ लचीलापन प्रदान करने के लिये राज्य में एक वास्तविक निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु निवास (अधिवास) की आवश्यकता को 15 से 5 वर्ष तक कम कर दिया।

👉 इन सभी नियोक्ताओं के लिये श्रम विभाग, हरियाणा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध नामित पोर्टल पर सकल मासिक वेतन या वेतन 30,000 रुपए से अधिक नहीं पाने वाले अपने सभी कर्मचारियों को पंजीकृत करना अनिवार्य होगा।

👉 इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन दंडनीय अपराध होगा।

चिंताएँ:

✔ निवेशकों के पलायन में वृद्धि :

यह ऑटो, आईटी जैसे क्षेत्रों में बड़े घरेलू और बहुराष्ट्रीय निवेशकों के पलायन को गति प्रदान कर सकता है जो अत्यधिक कुशल जनशक्ति पर निर्भर हैं।

✔ मौजूदा उद्योगों को प्रभावित करना:

राज्य के अन्य क्षेत्रों से राज्य में जनशक्ति संसाधनों की मुक्त आवाजाही को रोकने एवं स्थायी निवासियों के मुद्दे को उठाने से राज्य में मौजूदा उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

यह तकनीकी दिग्गजों और अन्य उद्योगों को अपना आधार हरियाणा से दूसरे राज्यों में स्थानांतरित करने और राज्य के मौद्रिक संसाधनों को कम करने में भूमिका निभा सकता है।

✔ अत्यधिक प्रतिभा की कमी का कारण:

इसके अलावा ‘गिग एंड प्लेटफॉर्म’ कंपनियों पर आरक्षण लागू करने से प्रतिभा की कमी हो सकती है।

✔ संविधान के विरुद्ध:

भारत का संविधान कई प्रावधानों के माध्यम से आवागमन की स्वतंत्रता और इसके परिणामस्वरूप भारत के भीतर रोज़गार की गारंटी देता है।

  • अनुच्छेद 14 जन्म स्थान की शर्त के बिना कानून के समक्ष समानता का प्रावधान करता है।
  • अनुच्छेद 15 जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव से बचाता है।
  • अनुच्छेद 16 सार्वजनिक रोज़गार में जन्म स्थान आधारित भेदभाव की गारंटी नहीं देता है।
  • अनुच्छेद 19 यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूम सकें।

💯 प्रीलिम्स के लिए आवश्यक तथ्य 💯

❓ हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोज़गार अधिनियम, 2020, अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 15

💯मुख्य परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य एवं संभावित प्रश्न 💯

❓ भारत में स्थानीय संरक्षण एवं इससे संबंधित विभिन्न अधिनियम 


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Daily Quiz 

1. असहयोग आन्दोलन के बारे में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

1. कर्नाटक के किसानों की सार्थक भागीदारी इसकी विशिष्टता रही।

2. मद्रास और महाराष्ट्र में गैर-ब्राह्मण निम्न जातियों की भागीदारी इसकी विशिष्टता रही।

3. असम, बंगाल और मद्रास जैसे स्थानों में श्रमिक असन्तोष की कमी के रूप में इसे चिन्हित किया गया था।

4.1922 में झकझोर देने वाली चौरी-चौरा की घटना का इस आन्दोलन पर बुरा प्रभाव पड़ा, जिसके बाद गांधीजी द्वारा इस आन्दोलन को अत्यंत सूक्ष्म पैमाने पर जारी रखने का निर्णय किया गया।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

 
 
 
 

2.

महात्मा गांधी द्वारा उच्चारित ‘स्वराज’ के विभिन्न अर्थों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए?

  1. अंहिसा और सत्याग्रह के साथ स्वराज घनिष्ठता से जुडा है।
  2. स्वराज के दो अभिप्राय है – एक राजनीतिक और दूसरा राजनीति क्षेत्र से परे (बाहर)।
  3. स्वराज कुछ ऐसा है, जिसे प्राप्त करने के लिए समय और धैर्य आवश्यक होता है।
  4. संकल्प के साथ स्वराज को सरलता और शीघ्रता से प्राप्त किया जा सकता है।

उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

 

 
 
 
 

3.

शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक समिति के बारे में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही है?

  1. यह 19वीं सदी के अंत में सिंह सभाओं के राजनीतिक पक्ष के रूप में आरम्भ हुई।
  2. यह 1920 में आगामी अकाली आंदोलन के भाग के रूप में बनाई गई थी।
  3. सरकार द्वारा जोड़-तोड़ करके बनाई गई वफादार समितियों से सिख पूजास्थलों का नियन्त्रण वापस लेने के लिए इसे संस्थापित किया गया था।
  4. इसने समूहों (जत्थों) के साथ समन्वय करने के लिए अकाली दल बनाया ताकि पूजास्थलों का नियंत्रण वापस लिया जा सके।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

 

 
 
 
 

4.

द्वितीय पंचवर्षीय योजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. के-एन- राज के नेतृत्व में इसका प्रारूप तैयार किया गया।
  2. इसमें प्रस्ताव था कि बिजली, रेलवे, इस्पात, मशीनरी और संचार जैसे उद्योग पब्लिक सेक्टर में विकसित किए जाएं।
  3. प्रारूपकारों ने पाया कि उद्योग और कृषि में संतुलन बनाना बहुत कठिन है।
  4. प्रारूपकारों ने पाया कि उद्योग और कृषि में संतुलन बनाना वास्तव में आसान है।

उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सत्य है/हैं?

 
 
 
 

5.

ब्रिटिश भारत में 1937 के प्रांतीय विधान मण्डल के चुनावों में:-

  1. लगभग 10 से 12 प्रतिशत जनसंख्या को ही मत देने का अधिकार था।
  2. अछूतों को मत देने का अधिकार नहीं था।
  3. ग्यारह में से पाँच प्रान्तों में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत से विजयी हुई।
  4. मुस्लिमों के लिए आरक्षित सीटों में से 80 प्रतिशत से अधिक सीटों पर मुस्लिम लीग को विजय प्राप्त हुई।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।