Important topics of Indian Polity for BPSC

Important topics of Indian Polity for BPSC
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68th BPSC Pre Test Series Schedule
BPSC COURSE Crriculum 2022-23 (final)
आज का सत्र 68वीं बीपीएससी परीक्षा 2023 के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस सत्र में हम बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में राजनीति विषय में पूछे गए सभी प्रश्नों पर चर्चा करने जा रहे हैं।
बीपीएससी के प्रश्नों का विश्लेषण करने पर निम्नलिखित टॉपिक्स बहुत महत्वपूर्ण हैं माने जा रहे हैं
संवैधानिक विकास
इस अध्याय में परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण टॉपिक रेग्युलेटिंग एक्ट 1773, चार्टर एक्ट 1813, चार्टर एक्ट 1853, भारत परिषद् अधिनियम 1892 आदि हैं।
विगत वर्षों में परीक्षाओं में भारत शासन अधिनियम 1858 भारतीय परिषद् अधिनियम 1909, भारत शासन अधिनियम 1919. भारत शासन, अधिनियम 1935 उद्देश्य प्रस्ताव और प्रारूप समिति के सदस्यों से सम्बन्धित प्रश्न बार-बार पूछे जाते रहे हैं।
संविधान का निर्माण
यह भारतीय राजव्यवस्था के सबसे महत्त्वपूर्ण खण्डों में से एक है, परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण टॉपिक भारतीय संविधान के स्रोत, संघात्मक चरित्र आदि हैं। पूर्व वर्षों की परीक्षाओं में भारतीय संविधान के स्रोत, भारतीय संविधान के लचीले या कठोर स्वरूप तथा कल्याणकारी राज्य तथा धर्मनिरपेक्ष राज्य आदि से प्रश्न पूछे जाते हैं।
संविधान की उद्देशिका
उद्देशिका संविधान की भूमिका है एवं संवैधानिक कानूनों की व्याख्या करते समय संशय की स्थिति होने पर इसका सहारा लिया जाता है। परीक्षा की दृष्टि से यह खण्ड बहुत महत्त्वपूर्ण है, अधिकांश परीक्षाओं में प्रश्न सम्प्रभुता, धर्मनिरपेक्षता, लोकतान्त्रिक गणराज्य जैसी संकल्पनाओं से पूछे जाते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ महत्त्वपूर्ण वाद जैसे बेरुबारी वाद, केशवानन्द भारती वाद तथा आर्थिक न्याय तथा समानता से भी प्रश्न पूछे जाते हैं।
संघ एवं इसका राज्यक्षेत्र
परीक्षा की दृष्टि से यह टॉपिक अधिक महत्त्वपूर्ण नहीं है, फिर भी कभी- कभी प्रश्न भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया, नागरिकता समाप्त होने की शर्तें, भारतीय मूल के व्यक्ति, प्रवासी भारतीय दिवस आदि से पूछें जाते हैं।
नागरिकता
इस अध्याय में कुछ, बहुत महत्त्वपूर्ण टॉपिक शामिल हैं, जैसे- नए राज्यों का निर्माण, अनुच्छेद- 2 और 3 के तहत उपबन्ध, राज्यों के पुनर्गठन से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण समितियाँ आदि। विगत वर्षों में परीक्षाओं में प्रश्न आन्ध्र प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखण्ड आदि का गठन किस प्रकार व किन परिस्थितियों में किया गया, नए राज्यों के गठन की प्रक्रिया, फजल अली आयोग, घर आयोग आदि पूछे गए।
मौलिक अधिकार एवं कर्त्तव्य
परीक्षा की दृष्टि से यह खण्ड महत्त्वपूर्ण है, कुछ महत्त्वपूर्ण टॉपिक हैं, जैसे- विधि के समक्ष समता, प्राण एवं दैहिक स्वतन्त्रता का अधिकार, मानव के दुर्व्यापार एवं बलात् श्रम का प्रतिषेध, संवैधानिक उपचारों का अधिकार | परीक्षाओं में बार-बार प्रश्न कुछ टॉपिक से आते रहते हैं; जैसे-राज्य की परिभाषा, अवसर की समानता, वाक् स्वतन्त्रता का अधिकार, आपराधिक मामलों में दोष सिद्धि के सम्बन्ध में संरक्षण, शिक्षा का अधिकार, सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट द्वारा जारी की गई रिट आदि।
राज्य के नीति-निदेशक तत्त्व
राज्य के नीति निदेशक तत्त्व भी एक महत्त्वपूर्ण टॉपिक है, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं में बार-बार प्रश्न आते रहते हैं; जैसे- अनुच्छेद- 39A, 40, 42, 44, 45 आदि। इस खण्ड से अधिकांश प्रश्न संकल्पनाओं पर आधारित आते हैं।
कार्यपालिका
यह भारतीय संविधान का एक महत्त्वपूर्ण सेक्शन है। परीक्षा की दृष्टि से इसके कुछ महत्त्वपूर्ण विषय हैं- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री मन्त्रिपरिषद् । इन विषयों से संघ लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में हमेशा प्रश्न पूछे जाते हैं। राष्ट्रपति की योग्यता, राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया, निर्वाचक मण्डल, महाभियोग की प्रक्रिया, आपात उपबन्ध, प्रधानमन्त्री के कार्य एवं शक्तियाँ, मन्त्रिमण्डलीय समितियाँ।
विधायिका
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में न्यायपालिका से सम्बन्धित प्रश्न हमेशा पूछे जाते हैं, जैसे- सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियाँ, सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्याय क्षेत्र, न्यायिक सक्रियता एवं न्यायिक पुनर्विलोकन, न्यायाधीशों की नियुक्ति सम्बन्धी प्रक्रिया, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीशों पर महाभियोग, सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालयों द्वारा रिट जारी करना इत्यादि ।
न्यायपालिका
राज्य सभा एवं लोकसभा से सम्बन्धित कुछ विषय परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं- पीठासीन अधिकारी, संसद का सत्र, बजट प्रक्रिया, संसदीय समितियाँ इत्यादि । विगत वर्षों में जिन विषयों से प्रश्न पूछे गए हैं, उनमें कुछ प्रमुख हैं- लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति, दल-बदल विरोधी कानून, राज्यसभा एवं लोकसभा की शक्तियाँ, सभापति एवं उपसभापति के कार्य एवं शक्ति, संयुक्त संसदीय अधिवेशन, विभिन्न संसदीय गतिविधियाँ ।
भारतीय संघवाद एवं केन्द्र-राज्य सम्बन्ध
इस अध्याय के कुछ महत्त्वपूर्ण विषय जिससे विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्न पूछे गए हैं, वे हैं जिन परिस्थितियों में केन्द्र-राज्य के मामलों में हस्तक्षेप कर सकता है, आपातकाल के दौरान केन्द्र-राज्य सम्बन्ध, करों एवं अनुदानों का बँटवारा आदि।
संघ एवं राज्यों के अधीन सेवाएँ
विगत वर्षों में इस अध्याय के कुछ महत्त्वपूर्ण विषयों से प्रश्न पूछे गए हैं; जैसे- संविधान के किस अनुच्छेद में संघ लोक सेवा आयोग के गठन का वर्णन है, इसके सम्बन्ध में नियम एवं कानून बनाने की शक्ति ।
संघशासित क्षेत्रों एवं राज्यों में शासन व्यवस्था एवं कुछ राज्यों से सम्बन्धित विशेष उपबन्ध
इस खण्ड में कुछ महत्त्वपूर्ण टॉपिक राज्य की शक्तियाँ एवं कार्य, मुख्यमन्त्रियों के कार्य एवं शक्तियाँ एवं संघ राज्य क्षेत्रों की शासन व्यवस्था से सम्बन्धित है। अधिकांश प्रश्न राज्यपाल की शक्तियों, कार्यकाल, राज्यपाल को हटाने की प्रक्रिया, राज्य के महाधिवक्ता और सरकारिया आयोग की संस्तुतियों से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध भी इस टॉपिक के अन्तर्गत आता है।
अनुसूचित एवं जनजातीय क्षेत्र
इस टॉपिक से अधिकांश परीक्षाओं में प्रश्न सीधे पूछे जाते हैं। कौन-सा अनुच्छेद किस अनुसूचित एवं जनजातीय क्षेत्र के बारे में क्या उपबन्ध करता है। अतः यह टॉपिक अधिक महत्त्व का नहीं है।
भाषा सम्बन्धी उपबन्ध
परीक्षा की दृष्टि से यह खण्ड अधिक महत्त्वपूर्ण नहीं है, लेकिन संविधान की 8वीं अनुसूची में किसी नई भाषा को सम्मिलित किए जाने के सम्बन्ध प्रावधान जैसे बोड़ो, मैथिली, सन्थाली एवं डोगरी को 8वीं अनुसूची में सम्मिलित किए जाने से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं।
आपात उपबन्ध
इस खण्ड से परीक्षाओं में अधिकांश प्रश्न राज्यों में राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद- 356) के सम्बन्ध में पूछे जाते हैं, किन्तु तीनों आपात राष्ट्रीय आपात, राष्ट्रपति शासन एवं आर्थिक आपातकाल के सम्बन्ध में ज्ञात होना चाहिए।